Skip to main content
Skip to main navigation menu
Skip to site footer
Open Menu
About
About the Journal
Aims and Scope
Editorial Team
Contact
Shodh Sagar
Current
Journal Policies
Open Access Policy
License Terms
Privacy Statement
Peer Review Policy
Archiving Policy
Plagiarism Policy
IRT Crossmark Policy
Disclaimer
Archives
Guidelines
Submission Guidelines
Article Processing Charges
Old Editions
Publisher Website
Search
Register
Login
Home
/
Archives
/
Vol. 4 No. 7 (2018): Volume 4 | Issue 7 | October-December 2018
Vol. 4 No. 7 (2018): Volume 4 | Issue 7 | October-December 2018
Published:
2024-05-15
Articles
योग का मनोवैज्ञानिक स्वरूप: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
जयपाल सिंह राजपूत, आरती
1-6
12
pdf
7
सामान्य जीवन में योग का महत्व एवं आवश्यकतााः एक विवेचना
Virender Kumar, Shivender
7-10
17
pdf
12
उच्च रक्तचाप को सामान्य करने में योग की उपादेयता
Virender Kumar, Amarjeet Jakhar
11-15
11
pdf
5
चित्त को वश में करने के चिए प्राणायाम की उपादेयता
जयपाि स िंह राजपूत, राखी
16-19
11
pdf
7
चरित्र निर्माण में कर्मयोग की उपादेयता
जयपाल सिंह राजपूत, सुमन
20-23
12
pdf
11
मोक्ष प्राप्ति में कर्मयोग की उपयोगिता
जयपाल सिंह राजपूत, नीलम
24-28
12
pdf
7
मानव उत्कर्ष में प्रत्याहार की भूमिका - एक अध्ययन
विरेन्द्र कुमार, अंशुल
29-34
8
pdf
7
समसामयिक समस्याएँ और प्राणायाम
विरेन्द्र कुमार, गरिमा
35-40
9
pdf
9
संतुलित आहार - परिभाषा , घटक एवं वर्गीकरण : एक विवेचना
जयपाल सिंह राजपूत , सुलित लाठर
41-45
13
pdf
26
प्राणायाम की परिभाषा , प्रकाि एवं उपयोगिता
जयपाल सिंह राजपूत , पंकज
46-49
9
pdf
11
हठयोग की उपादेयता : एक विवेचना
डॉ. मंजू सुहाग , विकास
54-57
30
pdf
17
उपवास की उपादेयता : एक विवेचना
डॉ मंजू सुहाग , सुभाष
58-61
9
pdf
7
ध्यान के प्रकार एवं महत्तव : एक विवेचना
श्र जयपाल स हिं राजपतू , संदीप
62-65
13
pdf
10
मानवीय जीवन में कर्मयोग की उपादेयत्ता
श्री जयपाल सिंह राजपूत , सुनीता रानी
66-70
10
pdf
5
’’मानव जीवन में यम की उपादेयता‘‘
डा0 विरेन्द्र कुमार , मन्दीप सिहं
71-76
9
PDF
5
आत्मिक शुद्धि में यम-नियम का महत्व
श्री जयपाल सिंह राजपूत , संकेत कुमारी
77-80
19
PDF
5
मानव जीवन में प्राणायाम का महत्व
श्री जयपाल सिंह राजपूत, सुमन कुमारी
81-84
31
PDF
7
मानव जीवन मे कर्मयोग की उपादेयता
प्रो0 (डा0) विरेन्द्र कुमार , राजबाला
85-88
10
PDF
7
श्रीमद्भगवदगीता में जीवन मूल्य और पुरूषार्थ-चतुष्टय
श्री जयपाल सिंह राजपूत , सरीता देशवाल
89-93
10
PDF
7
वर्तमान युग मे शोधन कियाओ की उपादेयता
आचार्य (डा0) विरेन्द्र कुमार, सुनीता कुमारी
94-97
9
PDF
5
योग विक्षेप एवं चित्त प्रसादन के उपाय: एक विवेचना
श्री जयपाल स िंह राजपूत , अनुराधा
98-102
20
PDF
5
मानसिक रोगों में प्राणायाम की उपयोगिता
श्री विरेन्द्र कुमार, सरिता
103-106
10
PDF
6
व्यायाम के लाभ : एक विवेचना
श्री जयपाल सिंह, मिंदीप सिंह
107-109
6
PDF
5
चित्त प्रसादन के उपायों की विवेचना
श्री जयपाल सिंह, रिम्पी
110-112
9
PDF
47
योगसाधना का महत्त्व
जयपाल सिंह राजपूत, तमन्ना मलिक
113-116
10
PDF
12
Prevention of obesity through yoga practices
Dr. virender kumar, Asha
117-120
10
PDF
9
यौगिक ग्रन्थों में चक्रों का वर्णन
आचार्य डाॅ0 विरेन्द्र कुमार, रौनक
121-125
8
PDF
7
प्रत्याहार का परिणाम एवं महत्व : एक विवेचना
डा0 विरेन्द्र कुमार, लक्ष्मी देवी
125-130
9
PDF
12
हठ योग ग्रंथों में वर्णित योग आसन : एक विवेचनात्मक अध्यन
आचार्य डाॅ0 विरेन्द्र कुमार, नवीन
131-135
19
PDF
22
Make a Submission
Make a Submission
© 2023 - All Rights Reserved
More information about the publishing system, Platform and Workflow by OJS/PKP.