मानव जीवन में प्राणायाम का महत्व
Keywords:
प्रकृति, मानव जीवनAbstract
प्रकृति एवं योग हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। प्राचीन ग्रंथों में प्रतिपादित योग और प्राणायाम की महता और विश्वसनीयता आज के भौतिक परिप्रेक्ष्य में वैज्ञानिक दृष्टि पर भी खरी उतरती हैं। प्राणायाम हमारे जीवन का सौन्दर्य हैं, सौभाग्य हैं। प्राणायाम प्रकृति की, मानव प्राणि के लिए अमूल्य भेंट हैं। वस्तुतः प्राणायाम एक श्वास क्रिया विज्ञान हैं। मनुष्य को जीवित रहने के लिए सबसे जरूरी जो चीज है वह है, हमारी श्वास। चाहंे हम नींद में हो या जाग रहे हो, हमारी श्वसन क्रिया निरन्तर चलती रहती हैं। हमारी प्रत्येक श्वास अमूल्य हैं, जिसे मूल्य देकर न बेचा जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है। ऐसी अमूल्य श्वसन क्रिया हमारे शरीर द्वारा संचालित होती हैं। प्राण एक ऐसी ऊर्जा है, जो सभी स्तरों पर ब्रह्मांड में व्याप्त हैं। प्राण मनुष्य के शरीर आत्मा को जोड़ने वाली कड़ी है, और योग के चक्र धुरी है। प्राणायाम के अभ्यास से अनेक प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक व्याधियां दूर की जा सकती है।
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