उपवास की उपादेयता : एक विवेचना

Authors

  • डॉ मंजू सुहाग सहायक प्राध्यापक, योग विज्ञान , चै.रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द
  • सुभाष एम॰ए॰ योग द्वितीय वर्ष , चै.रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द

Keywords:

आयुवेद, धालर्मवक

Abstract

दुनिया के सभी धर्मों र्में उपवास का र्महत्व है। खासतौर पर बीर्मार होिे के बाद उपवास को सबसे अच्छा इलाज र्मािा गया है। आयुवेद र्में बीर्मारी को दूर करिे के ललए शरीर के ववषैले तत्वों को दूर करिे की बात कही जाती है और उपवास करिे से इन्हें शरीर से निकाला जा सकता है। इसीललए 'लंघि र्म सवोत्तर्म औषधं' यािी उपवास को सववश्रेष्ठ औषधध र्मािा जाता है।
संसार के सभी धर्मों र्में उपवास को ईश्वर के निकट पहुुँचिे का एक सबसे कारगर उपाय र्मािा गया है। धालर्मवक र्मान्यताओं के परे यह निववववाद सत्य है कक उपवास करिे से शरीर स्वस्थ रहता है। संभवतः इसके र्महत्व को सर्मझते हुए सभी धर्मों के प्रणेताओं िे इसे धालर्मवक रीनत-ररवाजों से जोड़ ददया है ताकक लोग उपवास के अिुशासि र्में बुँधे रहें।

References

धचककत्सा उपचार के ववववध आयार्म : पंडडत श्री रार्म शर्माव

जीवेर्म शरद: शतर्म : पं. श्रीरार्म शर्माव , आचायव सम्पूणव वाड्र्मय खंड 41

स्वस््वृत ववज्ञािं : प्रो. रार्महषव लसंह

आहार एवं स्वास््य : डॉ हीरालाल

रोगों की सरल धचककत्सा : ववट्ठल दास र्मोदी

आयुवेदीय प्राकृनतक धचककत्सा : राकेश ष्जंदल

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Published

2018-12-30

How to Cite

सुहाग ड. म., & सुभाष. (2018). उपवास की उपादेयता : एक विवेचना . Innovative Research Thoughts, 4(7), 58–61. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/967