मोक्ष प्राप्ति में कर्मयोग की उपयोगिता

Authors

  • जयपाल सिंह राजपूत सहायक प्राध्यापक, योग विज्ञान, चै.रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द।
  • नीलम एम॰ए॰ योग द्वितीय वर्ष ,चै.रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द।

Keywords:

उपयोगिता, युग

Abstract

आधुनिक युग में इंसान इतना व्यस्त हो गया है की उसके पास न तो खुद के लिए समय है न ही परिवार और दोस्तों के लिए। उसे न तो याग का पता है और न मोक्ष का लेकिन मोक्ष की प्राप्ति हर किसी को चाहिए चाहे उसे मोक्ष की जानकारी हो या न हो। वह केवल स्वर्ग को जानते है स्वर्ग में जाने की इच्छा रखते हैं। इसके लिए अच्छ कार्यो की जरूरत है जो श्री मद्भगवद गीता में कर्मयोग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है गृहस्थ और कर्मठ व्यक्ति के लिए यह योग अधिक उपयुक्त है प्रत्येक व्यक्त् िकिसी न किसी कार्य में लगा हुआ है पर हम में से अधिकांश अपनी शक्तियों का अधिकतर भाग व्यर्थ खो देते हैं क्योंकि हम कर्म के रहस्य को नहीं जानते।
जीवन की रक्षा के लिए, विश्व की रक्षा के लिए कर्म करना आवश्यक है किन्तु यह भी एक सत्य है कि दुःख की उत्पत्ति कर्म से ही होती है सारे दुख और कष्ट आसक्ति से उत्पन्न होते हैं।

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Published

2018-12-30

How to Cite

राजपूत ज. स., & नीलम. (2018). मोक्ष प्राप्ति में कर्मयोग की उपयोगिता. Innovative Research Thoughts, 4(7), 24–28. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/960