मानसिक रोगों में प्राणायाम की उपयोगिता
Keywords:
सामाजिक, अभियान्त्रिकीAbstract
21वीं सदी में मनुष्य ने अनगिनत शारीरिक, मानसिक और सामाजिक समस्याओं के साथ प्रवेश किया है। अभियान्त्रिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आदि के विकास से हम विकसित हो रहे हैं पर इन सबके बावजूद मानव जीवन पहले की अपेक्षा अधिक तनाव ग्रस्त व विषादपूर्ण हो गया है। आज सबके जीवन में एक तरह की अस्त व्यस्तता नजर आती है सबमें एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी है, एक-दूसरे की नकल करने की चाहत बढ़ रही है और आधुनिक युग में बढ़ रही भोगवादी संस्कृति का प्रभाव है। लोगों की जीवन शैली दिन-प्रतिदिन विकृत होती जा रही है, उनके चिन्तन स्तर में लगातार गिरावट आ रही है फलस्वरूप शारीरिक, मानसिक विकृतियों का भी हमारे जीवन में प्रवेश हो रहा है। सच तो यह है कि आज ऐसे व्यक्ति की कल्पना भी मुश्किल है जो मानसिक तनाव का अनुभव ना करता हो।
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स्वामी रामदेव 2006
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