वर्तमान युग मे शोधन कियाओ की उपादेयता

Authors

  • आचार्य (डा0) विरेन्द्र कुमार विभागाध्यक्ष ( योग विज्ञान), चै0 रणबीर सिंह, विश्वविद्यालय, जीन्द
  • सुनीता कुमारी एम.ए. योग विज्ञान, शोध छात्रा, चै0 रणबीर सिंह, विश्वविद्यालय, जीन्द

Keywords:

आधुनिक युग, विज्ञान का युग

Abstract

आधुनिक युग विकास एंव विज्ञान का युग है वहीं इस विज्ञान की तकनीक का प्रयोग कर मानव ने अनेको आधुनिक उपकरणों का आविष्कार किया है। जिससे अविश्वसनीय उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं जैसेः- एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक कि यात्रा से लेकर आधुनिक रक्षा-शस्त्रों तक मानव के विज्ञान विकाश को दर्शाता है। परंतु इस विज्ञान के विकास और उपलब्धियों का मानव जीवन पर पड रहे दुषप्रभावों का नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। मनुष्य ने विज्ञान के क्षेत्र में दक्षता तो प्राप्त कर ली तथा सुख, वैभव-संपदा व साधनों का अर्जन करने के बावजूद भी मनुष्य अपने जीवन की प्राकृतिक आयु को कम होने से बढ़ा नहीं पाया है। उल्टा उसकी आयु और कम हुई है तथा कथित प्रगति के साथ-साथ व्यक्ति ने अनेकों प्रकार के मानसिक शारिरिक विकारों, रोगों व बीमारियों को भी अर्जण किया है जो मनुष्य के जीवन को और भी कष्टप्रद बना दिया है। जिसके कारण स्वास्थ्य एंव सुख पर घनिष्ठ खतरा मंडरा रहा है।

References

हठ प्रदीपिका - स्वात्माराम जी

सुश्रुत सहिंता - महर्षि सुश्रुत जी

घेरण्ड सहिंता - महर्षि घेरण्ड जी

अथर्ववेद -

हठ रत्नावली - श्री निवास भट्ट जी

शोध - आधुनिक युक के

आयुर्वेद - पंचकर्म

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Published

2018-12-30

How to Cite

आचार्य (डा0) विरेन्द्र कुमार, & कुमारी स. (2018). वर्तमान युग मे शोधन कियाओ की उपादेयता. Innovative Research Thoughts, 4(7), 94–97. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1382