व्यायाम के लाभ : एक विवेचना

Authors

  • श्री जयपाल सिंह सहायक प्राध्यापक, योग विज्ञान , चै. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द।
  • मिंदीप सिंह एम॰ए॰ योग द्वितीय वर्ष , चै. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द।

Keywords:

दण्ड- बैठक, कुश्ती लड़ना

Abstract

व्यायाम से अभिप्राय है अपने तन –मन को स्वस्थ, सुन्दर और निरोग बनाए रखने के लिए किया गया परिश्रमपूर्ण कार्य या प्रयास | सर्वप्रसिद्ध उक्ति ‘पहला सुख निरोगी काया’ के अनुसार शरीर का स्वस्थ व निरोग  रहना ही सबसे बड़ा सुख है | अस्वस्थ व रोगी व्यक्ति संसार के सुखो का भोग कदापि नही कर सकता है | स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम अत्यन्त आवश्यक है | जो व्यक्ति नित्यप्रति व्यायाम करते है , वे ही सदैव स्वस्थ व सुखी रहते है |

खेलना-कूदना , दण्ड- बैठक करना , मुगदर उठाना या घुमाना, कुश्ती लड़ना, कबड्डी खेलना , तैराकी करना, योगाभ्यास करना, नृत्य करना, घुड़सवारी करना, दौड़ लगाना, आसन तथा प्राणायाम करना आदि व्यायाम के कई ढंग , साधन और उपाय है | अपनी रूचि , इच्छा , उपलब्धता और शक्ति के अनुसार व्यक्ति इनमे से किन्ही को चुनकर नियमित रूप से अपना कर उन्हें अपने जीवन का अंग बना सकता है |

References

स्िस्थ िृसे : रामहर्ण ससंह

यौवगक वचककत्सा : कुिाल्यानंद

पोर्र् एिं आहार : जी वप शैरी

सरल योगासन : इश्वर भारद्वाज

योग एिं यौवगक वचककत्सा : रामहर्ण ससंह

चरक संवहता

योग से आरोग्य : कावलदास जोशी

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Published

2018-12-30

How to Cite

श्री जयपाल सिंह, & मिंदीप सिंह. (2018). व्यायाम के लाभ : एक विवेचना . Innovative Research Thoughts, 4(7), 107–109. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1385