वर्तमान समय में यम-नियम की उपादेयता
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यम-नियम, वर्तमानAbstract
आत्म-दर्शन, ईश्वर दर्शन, आत्मानुभूति व परमात्मानुभूति आदि मानव जीवन की परम उपलब्धियाँ हैं। मनुष्य जीवन में आत्मज्ञान व ब्रह्मज्ञान के माध्यम से इन परम उपलब्धियों को पा लेना ही मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य है, परंतु मनुष्य जीवन आज नकारात्मकता की तरफ झुकता जा रहा है। मनुष्य जीवन अनेक कष्टों व क्लेशों से मुक्ति नहीं मिल पाती, तब तक सौंदर्य व आनंद से भरी इस दुनिया में रहते हुए भी व्यक्ति सौंदर्य व आनन्द से अछूता रहता है। अतः आज के समय में नैतिक मूल्यों का हृास होता जा रहा है। जीवन में कठिनाइयों और संघर्षों का आना अनिवार्य है। अपना अस्तित्व स्थिर रखने और सम्मानपूर्वक जीवन बिताने के लिए दृढ़ता और सहिष्णुता की आवश्यकता है। इसलिए वर्तमान समय में आई समस्याओं व क्लेशों का नाश करने के लिए ‘अष्टांग योग’ के महत्वपूर्ण अंश ‘यम-नियम’ का पालन करना अनिवार्य है।
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