प्रेमचन्द के उपन्यासों में किसानों की वस्तुस्तिथि का अध्ययन
Keywords:
सास्ित्य, भारतीयAbstract
प्रेमचंद हिंदी सास्ित्य के प्रमुख किाकार माने जाते िैं। इनका जन्म 31 जुलाई सन 1880 ई. में वाराणसी के समीप लमिी नामक गांव में हुआ। इनके बचपन का नाम धनपत राय िा। इनके स्पता अजायब राय डाकखाने में ककरानी िे। जब उनकी आयु मात्र सात वर्ष िी तभी इनकी मां श्रीमती आनंदीबाई का देिांत िो गया। इनके स्पता ने दूसरा स्ववाि कर स्लया, परंतु स्वमाता इन्िें प्रेम की बजाय घृणा की दृस्ि से देखती िी। इन्िोंने अपनी पर प्रारंस्भक स्िक्षा गांव में िी प्राप्त कक। 15 वर्ष की आयु में उनका स्ववाि कर कदया गया, परंतु वि पत्नी के लडाकू प्रवृस्ि की िोने के कारण सफल निीं रिा। उन्िोंने जैसे-तैसे दसवीं कक्षा पास करके प्रािस्मक स्कूल में अध्यापन कायष ककया। नौकरी के साि-साि उन्िोंने बीए की परीक्षा पास की और स्िक्षा स्वभाग में स्डप्टी स्पेक्टर स्नयुक्त हुए। इस बीच 1905 ई. में इन्िोंने बाल-स्वधवा स्िवरानी देवी से दूसरा स्ववाि ककया। स्िवरानी देवी से इनका स्ववाि सफल रिा। इनकी पत्नी ने इनका कदम-दर-कदम सियोग ककया।
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