संसाधन भूगोल का विकास और जल संसाधन का दायरा : एक समीक्षा
Keywords:
पयाािरण, प्रौद्योवगकीAbstract
हमारे पयाािरण में उपलब्ध प्रत्येक िस्तु जो हमारी आिश्कताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और वजसको बनाने के वलए प्रौद्योवगकी उपलब्ध है, जो आर्थाक रूप से संभाव्य और सांस्कृवतक रूप से मान्य है, एक ‘संसाधन’ है। हमारे पयाािरण में उपलब्ध िस्तुओं की रूपांतरण प्रक्रिया प्रकृवत, प्रौद्योवगकी और संस्थाओं के पारस्पररक क्रियात्मक संबंध् में वनवहत है। मानि प्रौद्योवगकी द्वारा प्रकृवत के साथ क्रिया करते हैं और अपने आर्थाक विकास की गवत को तेज करने के वलए संस्थाओं का वनमााण करते हैं। 20िीं शताब्दी के उत्तराधा में भूगोल में बढ़ती विशेषज्ञता को देखते हुए संसाधनों के स्ितंत्र अध्ययन को महत्ि क्रदया गया है, वजसके पररणामस्िरूप भूगोल की विवभन्न शाखाएँ सामने आई हैं। उनमें से जल संसाधन भूगोल एक महत्िपूणा है।
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