हरियाणा में जनसंख्या भूमि उपयोग तथा वातावरणीय सम्पोषणीयता का एक अध्ययन

Authors

  • कालू राम
  • अजय दहिया

Keywords:

जनसंख्या, वातावरणीय सम्पोषणीयता

Abstract

ारती और पूरी मानव जाति ने 21 वीं सदी में अपार चुनौतियों के साथ प्रवेश किया है। तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में, तेजी से बढ़ती जनसंख्या द्वारा गहन मानवजनित गतिविधियों के कारण उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को लगातार खतरा हो रहा है। मानव और पशुधन दोनों की जनसंख्या खतरनाक दर से बढ़ रही है और इसके परिणामस्वरूप हमारे प्राकृतिक संसाधन भी विशेष रूप से पानी, मिट्टी और हवा में बहुत तेजी से घट रहे हैं। मानवजनित गतिविधियों का न केवल मौजूदा प्राकृतिक संसाधनों पर बल्कि पर्यावरण और इसकी गुणवत्ता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। जनसंख्या और संसाधनों के बीच असमानता पर्यावरण की गिरावट और खाद्य सुरक्षा समस्याओं को और बढ़ाती है।

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Published

2018-06-30

How to Cite

राम क., & दहिया अ. (2018). हरियाणा में जनसंख्या भूमि उपयोग तथा वातावरणीय सम्पोषणीयता का एक अध्ययन. Innovative Research Thoughts, 4(5), 145–148. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/895