महिला विरूद्ध अपराध एवं लिंगानुपात: जिला रेवाड़ी से संदर्भ

Authors

  • रविन्द्र शोधार्थी, पत्रकारिता एवं जनसंचार,सिंघानिया विश्वविद्यालय, राजस्थान

Keywords:

राजधानी, महिलाओं

Abstract

बिगड़ते लिंगानुपात एवं महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए बदनाम रहे अहीरवाल की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले के लिए वर्ष 2016 इन दोनों ही मामलों के लिहाज से कारगर साबित हुआ है। इस साल जिले में जहां लिंगानुपात में खासा सुधार देखने को मिला, वहीं महिला विरूद्ध अपराधों में भी उल्लेखनीय कमी आई। अधिकारिक जानकारी के मुताबिक साल 2016 में रेवाड़ी का लिंगानुपात 850 को पार कर गया, वहीं घरेलु हिंसा के मामलों में 28 प्रतिशत तथा बलात्कार के मामलों में 18 फीसदी की कमी दर्ज की गई, जो रेवाड़ी के बाशिंदों के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं थी क्योंकि जहां एक ओर वे, लिंग असमानता की वजह से बदनामी का दंश झेल रहे थे, वहीं दूसरी ओर बलात्कार, घरेलु हिंसा तथा छेड़छाड़ की बढ़ती वारदातों ने महिलाओं में असुरक्षा की भावना भी उत्पन्न कर दी थी। जिसकी वजह से वे घर से अकेले बाहर निकलने में भी संकोच करने लगी थीं।

References

A shame: Rewari has nation’s lowest gender ratio—TheTribune on June 5, 2014

Rewari records lowest gender ratio across state—The Tribune on June 9, 2015

Police to rope in villag panels to check female foeticide in state—The Tribune, June 22, 2015

Rewar records dip in crime, improvement in gender ratio—The Tribune on January 4, 2017

Rewari district records highest-ever sex ratio--- The Tribune on January 31, 2017

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Published

2018-06-30

How to Cite

रविन्द्र. (2018). महिला विरूद्ध अपराध एवं लिंगानुपात: जिला रेवाड़ी से संदर्भ. Innovative Research Thoughts, 4(5), 80–84. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/884