आरक्षण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर अध्ययन
Keywords:
दलित, जीवन व्यतीतAbstract
‘आरक्षण’ का अर्थ है कोई वस्तु, स्थान या सुख-सुविधा किसी विशेष व्यक्ति, वर्ग या समूह के लिए सुनिश्चित कर देना। भारत के संविधान में इसका अर्थ है-अपने या अन्य के लिए कोई स्थान सुरक्षित करना या कराना । जो लोग सदियों से दलित, पीड़ित या उपेक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उनके लिए स्थान सुरक्षित रखकर उन्हें प्रगतिके पथ पर अग्रसर करना। परन्तु आज नेता लोग अपने स्वार्थ के लिए पिछड़े व दलितों के नाम पर खेल खेलकर सत्ता की कुर्सी हथियाना चाहते हैं।
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