सामाजिक परिवर्तन में लौकककीकिण की भूमिका

Authors

  • कुमािी शोधार्थतनी , मगध ववजववद्यालय

Keywords:

वर्तमान, भािर्

Abstract

ककसी भी आधुननक शहि में ममलों में काम किने वाले मिदूिों, ऑकिसों में काम किने वाले बाबुओं दुकानदािों, डाक्टिों वकीलों औि सिकािी कमतचारियों आदद के दैननक िीवन पि दृजटट डामलए र्ो आप देखेंगे कक भािर् के धमतप्राण देश कहलाने के बाविूद भी आधुननक काल में उनके िीवन में धमत का महत्व बहुर् कम िह गया है । अर्धकर्ि पढ़े-मलखे लोग अपने िीवन में ववमभन्न कियाओं को धाममतक उद्देवय से नहीं बजकक वैज्ञाननक अथवा अन्य उद्देवयों से किर्े हैं । वे जिन पुिानी पिम्पिाओं को मानर्े भी हैं उनको इस कािण नहीं मानर्े कक धमत के द्वािा उनका ववधान ककया गया है बजकक वे उनके मूल में ककसी न ककसी कािण की र्लाश कि लेर्े हैं औि उसे व्यजक्र् अथवा समाि के मलये लाभदायक मानकि मानर्े है । केवल पढ़े-मलखे लोगों में नहीं बजकक बेपढ़े-मलखे लोगों में भी धमत का सम्मान कम होर्ा िा िहा है यद्यवप ननवचय ही पढ़े-मलखे लोगों की र्ुलना में भािर् में उनके िीवन में आि भी धमत का कहीं अर्धक महत्व है । िीवन का यह लौकककीकिण केवल नगि में ही ददखाई पड़र्ा हो ऐसी बार् नहीं है, गााँवों में भी ददनचयात में ववमभन्न त्यौहािों औि िीनर्-रिवािों में धमत का महत्व कम होर्ा िा िहा है । वर्तमान भािर् में नगिों औि गााँवों में सब कहीं लौकककीकिण का प्रभाव अन्य धमों की र्ुलना में दहन्दू धमत में अर्धक ददखलाई पड़र्ा है । आि भी मुजललमों, मसखों िैनों र्था अन्य धमों के अनुयानययों की र्ुलना में दहन्दुओं में लौकककीकिण अर्धक हुआ है ।

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Published

2018-03-30

How to Cite

कुमािी ग. (2018). सामाजिक परिवर्तन में लौकककीकिण की भूमिका . Innovative Research Thoughts, 4(4), 366–372. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/849