विश्व शांति पर गांधी के विचारों की प्रासंगिकता

Authors

  • डॉ. नीलम चौरे एसोससएट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग महात्मा गााँधी चचत्रकूट ग्रामोदय विश्िविद्यालय चचत्रकूट, सिना
  • मनोज शोधार्थी, राजनीति विज्ञान विभाग महात्मा गााँधी चचत्रकूट ग्रामोदय विश्िविद्यालय चचत्रकूट, सिना

Keywords:

शाांति, समकालीन, आनांद

Abstract

वैश्विक शांति एक सापेक्ष शब्द है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अनुशासन में, इसे किसी भी देश के संप्रभु क्षेत्राधिकार के बाहर किसी भी प्रकार के सैन्य खतरे की अनुपस्थिति के रूप में परिभाषित किया गया है। यह दुनिया भर के सभी देशों के बीच सहयोग और समझ को भी दर्शाता है ताकि लोग शांतिपूर्ण वातावरण में न्यूनतम जीवन स्तर का आनंद उठा सकें। बीसवीं शताब्दी के दौरान कई विचार धाराएँ उभरी हैं जो वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न साधनों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। वैश्विक शांति का गांधीवादी मॉडल व्यवहार्य विकल्पों में से एक है। समकालीन अन्यायपूर्ण वैश्विक व्यवस्था की पृष्ठभूमि में, पेपर इक्कीसवीं सदी में वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए गांधीवादी दर्शन की प्रासंगिकता और महत्व पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है।

References

सी.डब्ल्यू.एफ. हेगेल "कफलॉसफी ऑफ राइट", टी. एम. नॉक्स द्िारा अांग्रेजी अनुिाद, (लांदन, ऑक्सफोडा यूतनिससाटी प्रेस, 1953)।

मोहम्मद अख्िर खान (1995) मॉडना इांडडयन पॉसलद्रटकल र्थॉट: सांजय प्रकाशन, द्रदल्ली

डॉ. जी. रांजीि शमाा: (1995): एन इांरोडक्शन टू गाांधीयन र्थॉट: अटलाांद्रटक पश्ब्लशसा एांड डडथरीब्यूटसा: द्रदल्ली

एम. के. गाांधी, "हररजन", 28-07-1960

एम. के. गाांधी, "यांग इांडडया", 21-10-1926, पृष्ट्ठ.3,363

महात्मा गाांधी, 'द्रहांद थिराज्य', निजीिन प्रकाशन, 2009

महात्मा गाांधी, 'सत्यार्था प्रकाश', निजीिन प्रकाशन, 2010

महात्मा गाांधी, 'हरीजन एक्थप्रेस', निजीिन प्रकाशन, 2006

रोमेि तििारी, 'महात्मा गाांधी के दशान', राजकमल प्रकाशन, 2012

भारि गोविांद शमाा, 'गाांधी का दशान', प्रेम प्रकाशन, 2009

Downloads

Published

2023-09-30

How to Cite

डॉ. नीलम चौरे, & मनोज. (2023). विश्व शांति पर गांधी के विचारों की प्रासंगिकता. Innovative Research Thoughts, 9(4), 188–193. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/701