गोदान में भारत के ग्रामीण समाज तथा उसकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण : एक चििेिना

Authors

  • Dr Suman Sharma

Keywords:

समस्याओं, ग्रामीण समाज

Abstract

प्रेमिन्द चिन्दी केसिािचिक लोकचप्रय उपन्यासकार िैंऔर उनकी अनेक रिनाओं की गणना कालजयी साचित्य के अन्तगित की जाती िै। ‘गोदान’ तो उनका सििश्रेष्ठ
उपन्यास िैिी, ‘गबन’, ‘चनमिला’, ‘रंगभूचम’, ‘सेिा सदन’ तथा अनेकों किाचनयााँचिन्दी साचित्य का अमर अंग बन गई िैं। इनकेअनुिाद भी भारत की सभी प्रमुख तथा अनेक चिदेशी भाषाओं मेंहुए िैं। इन रिनाओं मेंउन्िोंनेजो समस्याएाँउठाईं तथा स्त्री-पुरूषों केिररत्र खींिे, िेआज भी उसी प्रकार साथिक िैंजैसेिेअपनेसमय थेऔर भचिष्य मेंबनेरिेंगे। भारतीय समाज केसभी िगों का चित्रण बहुत मार्मिक िै चिशेषकर ग्रामीण ककसानों का, चजनकेसाथ िेएक प्रकार सेआत्मसात िी िो गयेथे।

References

गोदान : मुंशी प्रेम िंद

गोदान समीिा : िीरेंदर यादि

गोदान समीिा : चप्रयंका

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Published

2018-03-31

How to Cite

Sharma, D. S. (2018). गोदान में भारत के ग्रामीण समाज तथा उसकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण : एक चििेिना . Innovative Research Thoughts, 4(3), 151–154. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/557