भारत में बैंककिंग विकास एवं बैंक की प्रिृवतयािं : एक विवेचना

Authors

  • Dr. Om Prakash Sahu व्याख्याता श्रम एििं समाज कल्याण विभाग,सीता राम साहु कॉलेज, निादा.वबहार |

Keywords:

अर्थव्यिस्र्ा, भारत, बैंककिंग

Abstract

आधुवनक अर्थव्यिस्र्ा में बैंकों का महत्िपूणथ स्र्ान है मानि शरीर में रक्त नवलका ओं का कायथ रक्त के बहाि को बनाए रखना है। इसी प्रकार बैंक देश के आर्र्थक शरीर में मुद्रा एििं शाखा की पूर्तथ बनाए रखती है। बैंक एक देश की अर्थव्यिस्र्ा में विवभन्न प्रकार से सहायता करती है। भारत जैसे विकासशील देश में तो बैंक की भारी महत्ि जनता की बचते ही एकवित नहीं करती बवल्क इन बचतों को उत्पादक एििं विकास का समान कायथ में लगाती है तर्ा आिश्यक शाखा की शुविपूर्तथ करती है

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Published

2018-03-30

How to Cite

Sahu, D. O. P. (2018). भारत में बैंककिंग विकास एवं बैंक की प्रिृवतयािं : एक विवेचना . Innovative Research Thoughts, 4(2), 229–233. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/510