गिजूभाई के शिक्षा दर्शन का भारतीय शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव।
Keywords:
शिक्षाशास्त्रियों, विकासशीलAbstract
दार्शनिकों विचारकों और शिक्षाशास्त्रियों ने समय-समय पर समाज व शिक्षा को समुन्नत बनाने के लिए व इसमें सुधार के लिए अपने विचार दिए हैं भारत में स्वतन्त्रता से है, जिससे शिक्षा की स्थिति मंे वांछित सुधार लाया जा सके और भारत को शत-प्रतिशत शिक्षित किया जा सके, किन्तु शिक्षा परिदृश्य को देखने पर निराशा ही हाथ लगती है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में न तो कोई क्रान्ति हो पाई और न ही शतप्रतिशत सुशिक्षा हो पाई। फलस्वरूप भारत अभी भी विकासशील देशों की श्रेणी में खड़ा हुआ दिखाई देता है। चिंतन करने पर प्रतीत होता है कि समाज व शिक्षा में सुधार के लिए व्यक्त विचारों और सिद्धान्तों की भारतीय परिवेश से अनुकूलता नहीं रही। यह स्थिति देश के लिए अत्यन्त घातक है।
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