भारत में औपनिवेशिक राजस्व प्रणाली : एक विवेचना
Keywords:
औपनिवेनिक, अनधकाररयोंAbstract
औपनिवेनिक िासि सववप्रथम बंगाल में स्थानपत ककया गया था। यही वह प्रांत था जहााँ पर सबसे पहले ग्रामीण समाज को पुिः व्यवनस्थत करिे और भूनम संबंधी अनधकारों की ियी व्यवस्था तथा एक ियी राजस्व प्रणाली स्थानपत करिे के प्रयत्न ककए गए थे। उन्नीसवीं िताब्दी के प्रारंनभक वर्षों में, बुकािि िे राजमहल की पहानियों का दौरा ककया था। उसके वणवि के अिुसार ये पहानियााँ अभेद्य लगती थीं। यह एक ऐसा खतरिाक इलाका था जहााँ बहुत कम यात्री जािे की नहम्मत करते थे। बुकािि जहााँ कहीं भी गया, वहााँ उसिे निवानसयों के व्यवहार को ित्रुतापूणव पाया। वे लोग कंपिी के अनधकाररयों के प्रनत आिंककत थे और उिसे बातचीत करिे को तैयार िहीं थे। कई उदाहरणों में तो वे अपिे घर-बार और गााँव छोिकर भाग गए थे। ये पहािी लोग कौि थे? वे बुकािि के दौरे के प्रनत इतिे आिांककत क्यों थे? बुकािि की पनत्रका में हमें उन्नीसवीं िताब्दी के प्रारंनभक वर्षों में इि लोगों की जो तरस खािे वाली हालत थी उसकी झलक नमलती है। उि स्थािों के बारे में उसिे डायरी नलखी थी, जहााँ-जहााँ उसिे भ्रमण ककया था, लोगों से मुलाकात की थी और उिके रीनत-ररवाजों को देखा था।
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