तीन तलाक एक विवेचन: महिला सशक्तिकरण की दिशा मे बढ़ता कदम
Keywords:
तलाक, महिला सशक्तिकरणAbstract
22 अगस्त को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शायरा बानो के केस में अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में मुस्लिम समाज की महिलाओं को उनका जायज हक प्रदान करने के लिए समाज मे प्रचलित तीन तलाक की प्रथा को संवैधानिक करार देकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त सन्देश दिया है। विशेषकर भारतीय मुस्लिम समाज मे तीन तलाक का दण्ड भोगने वाली महिलाओं की दुर्दशा और उनके दर्द का अनुमान लगा पाना आसान नहीं है। विश्व के अनेक इस्लामी देश जिसमें सऊदी अरब, मलेशिया, अफगानिस्तान, अलबेरिया, अलगेरिया, बांग्लादेश, ईरान, ईराक, कुवेत, पाकिस्तान, तुकी› मिश्र आदि देशाों मे तीन तलाक बहुत पहले से ही अवैध करार दिया जा चुका है। और इन देशाोें की महिलाएॅ इस कुढ़तम प्रथा से मुक्ति पा चुकी है। जबकि भारत जैसे धर्म -निरपेक्ष व प्रजातान्त्रिक देश की मुस्लिम महिलाओं केा लम्बे समय तक इस लाचारी व प्रताड़ना से जुझना पड़ा इस सम्पूर्ण परिप्रेक्ष्य में यह विवाह विच्छेद के विषय में जहां संविधान में न्यायिक प्रक्रिया को अपनाने का अधिकार प्रदत्त है। वही आजादी के सत्तर वर्शो बाद भी मुक्त होने को अभिशप्त है।
References
मुस्लिम विधि . अकिल अहमद टी.सी. जैन ए. मुकेश अग्रवाल ए पारस दीवान
मुस्लिम लॉ . मुल्ला
भारत का संविधान .जय नारायण पाण्डेंय
राजस्थान पत्रिका . जय प्रकाश
सुप्रीम कोर्ट ूमइेपजम तसलीमा नसरीन
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