तीन तलाक एक विवेचन: महिला सशक्तिकरण की दिशा मे बढ़ता कदम

Authors

  • Mrs. Priyanka Purohit Research Scholar, Mewar University, Chittorgarh, Rajasthan
  • Dr. Sonia Sharma Assistant Professor, Department of Political Science, H.H. Maharaja Hanwant Singh Memorial Girls College, Jai Narain Vyas University, Jodhpur, Rajasthan

Keywords:

तलाक, महिला सशक्तिकरण

Abstract

22 अगस्त को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शायरा बानो के केस में अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में मुस्लिम समाज की महिलाओं को उनका जायज हक प्रदान करने के लिए समाज मे प्रचलित तीन तलाक की प्रथा को संवैधानिक करार देकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त सन्देश दिया है। विशेषकर भारतीय मुस्लिम समाज मे तीन तलाक का दण्ड भोगने वाली महिलाओं की दुर्दशा और उनके दर्द का अनुमान लगा पाना आसान नहीं है। विश्व के अनेक इस्लामी देश जिसमें सऊदी अरब, मलेशिया, अफगानिस्तान, अलबेरिया, अलगेरिया, बांग्लादेश, ईरान, ईराक, कुवेत, पाकिस्तान, तुकी› मिश्र आदि देशाों मे तीन तलाक बहुत पहले से ही अवैध करार दिया जा चुका है। और इन देशाोें की महिलाएॅ इस कुढ़तम प्रथा से मुक्ति पा चुकी है। जबकि भारत जैसे धर्म -निरपेक्ष व प्रजातान्त्रिक देश की मुस्लिम महिलाओं केा लम्बे समय तक इस लाचारी व प्रताड़ना से जुझना पड़ा इस सम्पूर्ण परिप्रेक्ष्य में यह विवाह विच्छेद के विषय में जहां संविधान में न्यायिक प्रक्रिया को अपनाने का अधिकार प्रदत्त है। वही आजादी के सत्तर वर्शो बाद भी मुक्त होने को अभिशप्त है।

References

मुस्लिम विधि . अकिल अहमद टी.सी. जैन ए. मुकेश अग्रवाल ए पारस दीवान

मुस्लिम लॉ . मुल्ला

भारत का संविधान .जय नारायण पाण्डेंय

राजस्थान पत्रिका . जय प्रकाश

सुप्रीम कोर्ट ूमइेपजम तसलीमा नसरीन

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Published

2018-03-30

How to Cite

Purohit, M. P., & Sharma, D. S. (2018). तीन तलाक एक विवेचन: महिला सशक्तिकरण की दिशा मे बढ़ता कदम. Innovative Research Thoughts, 4(2), 83–88. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/477