चौ.छाजूराम- एक जूट-किंग
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हजारी बाग, एक जूट-किंगAbstract
चौधरी छाजूराम के परिवार की हालत ठीक नहीं थी क्योंकि उनके पिता जी साधारण किसान थे। दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद उनके ऊपर नौकरी करने का दबाव था किन्तु वे पढ़ना चाहते थे। अतः वे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए ट्युशन करने लगे ताकि कुछ पैसे जमा हो सके। उसी दौरान वे एक स्टेशन मास्टर से मिले तथा उनके सहयोग से हजारी बाग पहुंचे। वहां उनके बच्चों को ट्युशन पढ़ाया। किन्तु ट्युशन हजारी बाग छोड़कर कलकत्ता पहुंच गए।
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