हिन्दी साहित्य में आंचहिक एवं मनोहवज्ञान उपन्यास :एक हववेचना
Keywords:
संस्कत, इहतिास, आंचहिकAbstract
हिन्दी साहित्य के इहतिास की िोकहिय हवधा उपन्यास िै। उपन्यास शब्द को अंग्रेर्ी में नावेि, मिाठी में कादम्बिी तर्था गजर्िाती में नविक कर्था किा र्ाता िै उपन्यास शब्द दो शब्दों के योग से बना िै। ‘उप तर्था ‘न्यास का अर्थु िोता िै - सर्ाना या सजशोहभत किना। ‘उप संस्कत का उपसगु िै र्ो शब्दों के पूर्ु आकाि, समीपता, नर्दीक या पास आदद का द्योतक िै। न्यास शब्द हन भी एक संस्कत का उपसगु िै “उपन्यास की संज्ञा एसी िचना को दी र्ा सकती िै हर्से पढकि अपने र्ीवन की वास्तहवक यर्थार्थुवादी िदकयां का आभास िो औि हनकटता की अहभव्यहि िो।
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