हिन्दी-कहानियों में नारी की बदलती मानसिकता
Keywords:
मानसिकता, भावनाओंAbstract
आज की नारी पहले समाज में स्वयं को प्रतिष्ठित करती है, बाद में किसी रिश्ते में बँधकर उसके अनुसार चलती है। अतः दूसरों के साथ सारे संबंध स्वार्थ पर आधारित है। दिखावे और स्वार्थ पर आधारित संबंधांे में मधुरता लुप्त होती है। अब नारी अपने जीवन का फैसला अपनी इच्छा से करके, बंधनों से मुक्त होकर अपनी शैली से जीने में विश्वास रखती है और इसी के लिए वह निरंतर संघर्ष करती है। इसी संघर्ष-भावना से उसकी मानसिकता, उसकी सोच तथा उसके जीवन के मूल्यों में परिवर्तन आया है।
References
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