भवभूति की रचनाओं में प्रणय-सौन्दर्य
Keywords:
भवभूति, रचनाओंAbstract
महाकवि भवभूति संस्कृत-साहित्याकाश के दीप्तिमान नक्षत्र हं।ै अपनी नाट्यकृतियो ं द्वारा अक्षय यश अर्जित करने वाले इस महाकवि को काव्य-जगत में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। उनका पाण्डित्य तथा कवित्व अद्भतु है। उनकी मनाहे र काव्यशैली मंे जहाँ करुण रस सहृदयो ं के हृदयो ं को आप्लावित करता है, वहीं मधुर शृंगार भी आनन्द से आन्दोलित करता है।
References
उत्तररामचरित, 1/24
उत्तररामचरित, 1/36
उत्तररामचरित, 1/38
उत्तररामचरित, 1/39
उत्तररामचरित, 3/38
उत्तररामचरित, 6/12
उत्तररामचरित, 6/5
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Published
2018-03-30
How to Cite
Ashram, S. (2018). भवभूति की रचनाओं में प्रणय-सौन्दर्य. Innovative Research Thoughts, 4(1), 52–55. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/424
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