भवभूति की रचनाओं में प्रणय-सौन्दर्य

Authors

  • Sadhu Ashram शोधछात्रवी.वी.बी.आई.एस.एण्ड आई.एस.पंजाब विश्वविद्यालय,साधु आश्रम, होशियारपुर

Keywords:

भवभूति, रचनाओं

Abstract

महाकवि भवभूति संस्कृत-साहित्याकाश के दीप्तिमान नक्षत्र हं।ै अपनी नाट्यकृतियो ं द्वारा अक्षय यश अर्जित करने वाले इस महाकवि को काव्य-जगत में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। उनका पाण्डित्य तथा कवित्व अद्भतु है। उनकी मनाहे र काव्यशैली मंे जहाँ करुण रस सहृदयो ं के हृदयो ं को आप्लावित करता है, वहीं मधुर शृंगार भी आनन्द से आन्दोलित करता है।

References

उत्तररामचरित, 1/24

उत्तररामचरित, 1/36

उत्तररामचरित, 1/38

उत्तररामचरित, 1/39

उत्तररामचरित, 3/38

उत्तररामचरित, 6/12

उत्तररामचरित, 6/5

Downloads

Published

2018-03-30

How to Cite

Ashram, S. (2018). भवभूति की रचनाओं में प्रणय-सौन्दर्य. Innovative Research Thoughts, 4(1), 52–55. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/424