21वीं शताब्दी में गाँधीवाद की प्रासंगिकता

Authors

  • Gajendra singh ाजनीति विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर

Keywords:

सत्य, अहिंसा, पर्यावरण

Abstract

मोहनदास करमचंद गांधी को दुनिया कथनी-करनी में समानता, सत्यनिष्ठ, अहिंसा के पुजारी, सर्वधर्म समभाव, समानता आधारित समाज के समर्थक, सामाजिक, आर्थिक न्याय के प्रवक्ता, रचनात्मक कार्यों के प्रणेता के रूप में जानती है। गांधीजी के इन उसूल एवं सिद्धांतों को आज के समय अपनाये जाने की आवश्यकता है तभी हम इस धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

References

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Published

2017-12-31

How to Cite

singh, G. (2017). 21वीं शताब्दी में गाँधीवाद की प्रासंगिकता. Innovative Research Thoughts, 3(11), 155–158. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/350