बुंदेलखंडी सहायक क्रिया: संरचनात्मक स्वरूप

Authors

  • Rani R

Keywords:

उपभाषा, बुंदेलखंडी

Abstract

भारतीय भाषाओं की अपनी एक परंपरा रही है, इस परंपरा में सबसे पुरानी और प्राचीन भाषा संस्कृत मानी जाती है। ‘‘संस्कृत भारती उप महादीप की एक उपभाषा है। इसे देववाणी अथवा सूर भारती भी कहा जाता है। ये विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। भाषाओं के इसी इतिहास में संस्कृत से विकसित हिन्दी भाषा का भी अपना एक स्थान रहा है। हिन्दी भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। इसकी विविधता और विश्व आर्थिक मंच पर इसकी महत्वता हमें विश्व की शक्तिशाली भाषाओं में से एक बनाती हैं। भारत में हिन्दी भाषा की विभिन्न बोलियां पाई जाती हैं। जिनमें बुंदेलखंडी एक व्यापक क्षेत्र में बोली जाने वाली पश्चिमी हिन्दी की महत्वपूर्ण बोली है। इसकी महत्वता इस बात से ह कि केवल संस्कृत या हिन्दी पढ़ने वालों को बुंदेलखंडी शब्दों के अर्थ को समझना आसान नहीं होता बुंदेलखंडी अपने आप में हजारों शब्दों को संग्रहित किए हुए है। बुंदेलखंडी के पास ऐसे कई शब्दों के भंडार है जिसे समझना अन्य भाषियों के लिए आसान नहीं होता।

References

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बासुतकर, महादेव मारुति: हिन्दी की क्रियापद व्यवस्था

गर्ग, महेशचन्द्र: परिनिष्ठित हिन्दी का रूप ग्रामिक अध्ययन, पृष्ठ संख्या - 79

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Published

2017-12-31

How to Cite

रानी य. (2017). बुंदेलखंडी सहायक क्रिया: संरचनात्मक स्वरूप. Innovative Research Thoughts, 3(11), 147–150. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/348