भारतीय राजनीती में धर्म की भूमिका: एक विवेचना
Keywords:
धातममक सकहष्णुता, समुदाय, मान्द्यताएंAbstract
भारत के औपतनिेतिक िासन से आजाद होने के 70 िर्षों से अतधक समय के बाद, भारतीयों को आम तौर पर लगता है कक उनके देि ने स्ितंत्रता के बाद के अपने आदिों में से एक का पूरा पालन ककया है: एक ऐसा समाज जहां कई धमों के अनुयायी स्ितंत्र रूप से रहते हुए अपने धमों का पालन कर सकते हैं। भारत की वििाल जनसंख्या विविध होने के साथ-साथ धममतनष्ठ भी है। न केिल दुतनया के अतधकांि कहंदू, जैन और तसक्ख भारत में रहते हैं, बल्कक यह दुतनया की सबसे बड़ी मुल्स्लम आबाद़ी में से एक और लाखों ईसाइयों और बौद्दों का घर भी है। भारतीय धातममक सकहष्णुता को राष्ट्रीय स्तर पर अपने अल्स्तत्ि के केन्द्ऱीय तत्ि के रूप में देखते हैं। मुख्य धातममक समूहों में अतधकांि लोग कहते हैं कक “सच्चा भारतीय” होने के तलए सभी धमों का सम्मान करना बहुत जरूऱी है। और सकहष्णुता धातममक होने के साथ नागररक मूकय है।
References
https://www.pewforum.org/2021/06/29/religion-in-india-tolerance-and-segregation
https://www.pewforum.org/wp- content/uploads/sites/7/2https://www.pewforum.org/2021/06/29/hindi
summary/021/06/PF_06.29.21_India_overview_Hindi.pdf
https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/ashok-singh-dharm-kya-hai
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