मोहनदास कहानी में चित्रित समस्याएँँ
Keywords:
मोहनदास, विचारधाराAbstract
मोहनदास’ उदय प्रकाश द्वारा रचित गाँंधीवादी विचारधारा से प्रभावित और लम्बे सत्याग्रह पर आधारित एक महाकाव्यात्मक कहानी है। रचनाकार का मानना है कि अहिंसा की नींव पर ही व्यवस्था में परिवर्तन हो सकता है। कहानी का नायक मोहन दास केवल एक पात्र न होकर एक ऐसे वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें दलित, शोषित और शिक्षित बेरोज़गार सम्मिलित हैं। यह एक लम्बे संघर्ष की कहानी है जिसका नायक गाँधीवादी सिद्धांतों पर चलता हुआ और अपनी अस्मिता के संकट से जूझता हुआ अंत में भले ही पराजित हो जाता है, लेकिन पाठकों के मन में एक ऐसी गहरी टीस छोड़ जाता है कि पाठक का उससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। प्रस्तुत कहानी पर अपने विचार प्रकट करते हुए गिरीश पटेल लिखते हैं-‘‘उदय प्रकाश की लम्बी कहानी ‘मोहनदास’ में जीवन के यथार्थ की स्पष्ट झलक मिलती है। इस रचना में जीवन और साहित्य के सारे रंग दृष्टिगोचर होते हैं। यह कहानी न केवल लेखक के गहरे अध्ययन को दर्शाती है बल्कि सामाजिक परिवेश और वर्तमान काल की विसंगतियों को भी दर्शाती है।’’
References
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