कौटिल्य और उनका अर्थशास्त्र पर एक विवेचना

Authors

  • Vandna Kumari Research Scholar, Department of A.I.& A.S. M.U. , Bodh Gaya
  • Dr. Firoz Alam Lecturer of A.I.& A.S. , Alam Iqbal College , Bihar Sharif, M.U., Bodh Gaya

Keywords:

अर्थशास्त्र, मैककयािेली, प्रशासवनक

Abstract

चन्द्रगुप्त मौयथ के मंत्री के रूप में चाणक्य के होने की बात कही जाती है, वजसे ककन्द्ही चणक का पुत्र बताया गया है। कुछ लोग इसे मगध और कुछ अन्द्य तक्षवशला का वनिासी बताते हैं। इसी चाणक्य को विष्णुगुप्त और कौटिल्य के रूप में भी वचवननत ककया गया है। चाणक्य के रूप में यह चाणक्य नीवत-दपथण का रचवयता भी है और इसी रूप में संस्कृत सावहत्य के इवतहास में इसे रेखांककत ककया गया है। लेककन चाणक्य को िहां ‘अर्थशास्त्र ‘ का रचवयता नहीं बताया गया है। कौटिल्य संस्कृत शब्द है और यह ककसी जावत-प्रजावत या देिी-देिता का नहीं, बवल्क एक प्रिृवि का पटरचायक है। संस्कृत शब्दकोश के अनुसार इस शब्द की उत्पवि कुटिल से है, वजससे इसका अर्थ बनता है कुटिलपन, दुष्टता या जालसाज। चाणक्य नाम से तो चाणक्य-नीवत सार अर्िा दपथण से लोग पटरवचत र्े, लेककन कौटिल्य नाम से लोग कोई सिा सौ साल पहले तक पूरी तरह अनवभज्ञ र्े। यह 1905 की बात है जब मैसूर ओटरएण्िल गिनथमेंि लाइब्रेरी के लाइब्रेटरयन रुरपिन साम शास्त्री को एक पांडुवलवप हार् लगी, जो उन्द्हें एक अनजाने से पंवडत ने उपलब्ध कराया र्ा। यह 168 पृष्ठों की संस्कृत पांडुवलवप र्ी, वजसके सार् भरस्िामी नामक एक िीकाकार की व्याख्या भी र्ी।

References

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Published

2017-12-30

How to Cite

Kumari, V., & Alam, D. F. (2017). कौटिल्य और उनका अर्थशास्त्र पर एक विवेचना . Innovative Research Thoughts, 3(10), 182–186. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/292