भारतीय हिंदी लोकप्रिय सिनेमा और उसका इतिहास

Authors

  • Manoj Kumar पीएच.डी शोधार्थी, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक

Keywords:

फिल्म, दर्शक, अभिव्यक्ति

Abstract

सिनेमा चाहे वह हमारे देश का हो चाहे प्रदेश का हो, दोनों तरफ के सिनेमाओं का मकसद केवल मनोरंजन करना ही नहीं है बल्कि समाज को सही दिशा प्रदान करना है। समाज और सिनेमा एक दूसरे के पहलू है, क्योंकि जो समाज है वही सिनेमा है। समाज में जो कुछ परिवर्तित होता है उसी रूप में हम सिनेमा को देखते है, और जो सिनेमा में दिखाया जाता है, उसी को देखकर समाज उसमें तब्दील होना चाहता है इसलिए दोनों एक-दूसरे के पूरक है यह कोई अतिश्योक्ति नहीं बल्कि यथार्थ है। सिनेमा कहानी भी है, नाटक भी है, संगीत भी और चित्रकला भी। यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि सेल्युलाइड पर लिखे जाने वाले साहित्य की आधुनिकतम विद्या सिनेमा है। सिनेमा द्वारा चित्रों को इस प्रकार एक के बाद एक प्रदर्शित किया जाता है, जिससे गति का आभास होता है। प्रस्तुत पेपर में शोधार्थी द्वारा लोकप्रिय हिंदी सिनेमा के इतिहास को अंगित किया गया है।

References

तिवारी, श्रीराम, पटकभा, मध्यप्रदेश फिल्म विकास निमग का प्रकाशन, पृष्ठ संख्या 33

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करूणा, शंकर, भारतीय फिल्मों का इतिहास, रंगभूमि बुक डिपो, दरियागंज, दिल्ली पृष्ठ संख्या 5

समसामयिक सृजन अक्तूबर-मार्च 2012-13 में कृष्णनमोहन का लेख: मूक फिल्मों से शुरू हुआ भारतीय सिनेमा का इतिहास पृ. 7

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Published

2017-12-30

How to Cite

kumar, M. (2017). भारतीय हिंदी लोकप्रिय सिनेमा और उसका इतिहास. Innovative Research Thoughts, 3(9), 1–5. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/214