भारतीय हिंदी लोकप्रिय सिनेमा और उसका इतिहास
Keywords:
फिल्म, दर्शक, अभिव्यक्तिAbstract
सिनेमा चाहे वह हमारे देश का हो चाहे प्रदेश का हो, दोनों तरफ के सिनेमाओं का मकसद केवल मनोरंजन करना ही नहीं है बल्कि समाज को सही दिशा प्रदान करना है। समाज और सिनेमा एक दूसरे के पहलू है, क्योंकि जो समाज है वही सिनेमा है। समाज में जो कुछ परिवर्तित होता है उसी रूप में हम सिनेमा को देखते है, और जो सिनेमा में दिखाया जाता है, उसी को देखकर समाज उसमें तब्दील होना चाहता है इसलिए दोनों एक-दूसरे के पूरक है यह कोई अतिश्योक्ति नहीं बल्कि यथार्थ है। सिनेमा कहानी भी है, नाटक भी है, संगीत भी और चित्रकला भी। यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि सेल्युलाइड पर लिखे जाने वाले साहित्य की आधुनिकतम विद्या सिनेमा है। सिनेमा द्वारा चित्रों को इस प्रकार एक के बाद एक प्रदर्शित किया जाता है, जिससे गति का आभास होता है। प्रस्तुत पेपर में शोधार्थी द्वारा लोकप्रिय हिंदी सिनेमा के इतिहास को अंगित किया गया है।
References
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समसामयिक सृजन अक्तूबर-मार्च 2012-13 में कृष्णनमोहन का लेख: मूक फिल्मों से शुरू हुआ भारतीय सिनेमा का इतिहास पृ. 7
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