विभिन्न व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों में निहित समायोजनषीलता, संवेगात्मक परिपक्वता और नेतृत्व क्षमता का तुलनात्मक अध्ययन
Keywords:
व्यवसायिक, संवेगात्मक परिपक्वताAbstract
शिक्षा को व्यक्तिगत विकास और सामाजिक उत्थान के साधन के रूप में भी सम्मान प्राप्त है। शिक्षा व्यवस्था देश के विकास और विशेषकर मानव जीवन की उत्पादकता और गुणवत्ता को प्रभावित करती है। समाज में भेदभाव, ऊंच-नीच और असमानता को मिटाने का शिक्षा ही एक मात्र साधन है। सदियों से सभ्य समाजों में शिक्षा का गुणगान हो रहा है, क्यों? क्योंकि यह राष्ट्र निर्माण और सामाजिक कल्याण करने वाली गौरवपूर्ण व्यवस्था है। अन्तरराष्ट्रीय समुदाय भी इसे मानव क्रियाकलापों के सभी पक्षों का उत्थान करने वाली व्यवस्था के रूप में स्वीकार करता है।
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