शेखावाटी में धार्मिक पर्यटन: एक विश्लेषण

Authors

  • Dr. Yogesh Kumar Sabal व्याख्याता (भूगोल), राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चिमनपुरा (जयपुर)

Keywords:

नरहड दरगाह, रैवासा, खाटूश्यामजी

Abstract

हमारे देश में घरेलू पर्यटन प्रमुख रूप से धार्मिक पर्यटन है। घरेलू पयर्टकों में 90 प्रतिशत भागीदारी धार्मिक पर्यटकों (तीर्थ यात्रियों) की होती है। हमारे देश में घरेलू पर्यटन को राष्ट्रीय पर्यटन का नाम दिया गया है, प्रारंभिक युग में इसे देशाटन भी कहा जाता था। श्री राजीव गांधी ने कहा था, कि राष्ट्रीय पर्यटन हमारे विकास का वह हिस्सा है जो राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है। यह विभिन्न संस्कृतियों, धर्म, समुदायों एवंसमूहों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देता है। भारतीय घरेलू पर्यटन प्राचीन समय से ही एक प्रमुख प्रघटना के रूप में रहा है। प्रारंभिक काल में धार्मिक व व्यापार के उद्देश्य से लोग इस प्रकार की लम्बी दूरी व दूरवर्ती क्षेत्रों की यात्राएं करते थे। समय के साथ -साथ आमोद प्रमोद, शिक्षा, मनोरंजन, साहस भी यात्राओं के उद्देश्य बनने लगे। यह व्यक्ति जो 24 घण्टे से अधिक लेकिन छः माह से कम अपने निवास स्थान से बाहर किसी अन्यत्र स्थान पर स्थित होटल या अन्य प्रकार के व्यापारिक रूप से चलाये जा रहे आवासों जैसे- मुसाफिरखाना, धर्मशाला, सराय, अतिथि भवन में ठहरता है, तो वह घरेलू पर्यटक कहलाता है।

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Published

2017-09-30

How to Cite

Kumar Sabal, D. Y. (2017). शेखावाटी में धार्मिक पर्यटन: एक विश्लेषण. Innovative Research Thoughts, 3(6), 138–144. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/152