निरुक्त का सामान्य परिचय एवं निर्वचन प्रकार

Authors

  • जोगिन्द्र सिंह एसोसिएट प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय हांसी।

Keywords:

निर्वचन, निरुक्त, उपसर्ग, प्रकृति, निश्चयात्मक और निश्शेष व्युत्पत्ति, नैगमकाण्ड

Abstract

निरुक्त परिचय -

निरुक्त शब्द निर् + वच + त (क्त) से निष्पन्न है। निर् उपसर्ग है तथा इसका अर्थ है -पूरी तरह से। वच् धातु है और इसका अर्थ है कहना। त प्रत्यय है। इसके दो अर्थ भाव और करूणा। इस प्रकार इस शब्द का समुचित अर्थ होता है- 1. पूरी तरह से कहना। 2. पूरी तरह से जिस के द्वारा कहा जाता है वह शास्त्र है आचार्य दुर्ग ने निर्वचन शब्द का अर्थ ‘निष्कृष्य विगृहा वचनम्- निर्वचनम्’ बताया है इसका तात्पर्य है शब्द में छुपे हुए अर्थ को विग्रह के द्वारा कहना अर्थात् स्पष्टीकरण तथा स्पष्ता करने वाले शास्त्र को निरुक्त कहते है। निर्वचन केवल सामान्य ढंग से व्याख्या करने की पद्धति को कहते है।

References

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Published

2022-06-30

How to Cite

सिंह ज. (2022). निरुक्त का सामान्य परिचय एवं निर्वचन प्रकार. Innovative Research Thoughts, 8(2), 161–172. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1443