शिक्षकों एवं प्रशिक्षुओं हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 : एक परिचय

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राष्ट रीय पाठ्य म की रूपरेखा, पाठ्यचयाा

Abstract

राष्‍ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा,2005 भारत की स्‍कूली शिक्षा के सन्‍दर्भ  में शिक्षकों, शिक्षक-शिक्षकों एवं शिक्षा के काम से जुड़े अन्‍य व्‍यक्तियों के लिए एक  महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज है। इस दस्‍तावेज को बनाने में देशभर के शिक्षाविद् तथा अन्‍य व्‍यक्ति लगभग दो वर्ष तक चली लम्‍बी प्रक्रिया में शामिल थे। भारत में अभी तक सिर्फ तीन राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या दस्तावेज बने हैं। पहला 1988 का है, दूसरा 2000 और तीसरा 2005 का है। इससे पहले के दस्तावेजों को आप औपचारिक रूप से राष्‍ट्रीय दस्तावेज नहीं कह सकते क्योंकि उस वक्त शिक्षा, राज्य सूची का विषय थी। उन्हें एक सलाहकार दस्तावेज के रूप में जरूर प्रस्तुत किया जाता था लेकिन वे शिक्षा नीति के तहत नहीं थे। औपचारिक शिक्षा के क्षेत्र में पाठ्यचर्या या पाठ्यक्रम (करिकुलम) विद्यालय या विश्वविद्यालय में प्रदान किये जाने वाले पाठ्यक्रमों और उनकी सामग्री को कहते हैं। पाठ्यक्रम निर्देशात्मक होता है एवं अधिक सामान्य सिलेबस पर आधारित होता है जो केवल यह निर्दिष्ट करता है कि एक विशिष्ट ग्रेड या मानक प्राप्त करने के लिए किन विषयों को किस स्तर तक समझना आवश्यक है।

References

राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 क्‍या कहती है: एक नजर में : डॉ.राजेन्द्र सिंघवी

https://hi.wikipedia.org/wiki/पाठ्यचर्या

शिक्षा का लक्ष्यः क्या कहता है एनसीएफ-2005? : वृजेश सिंह

शिक्षक एवं शिक्षक प्रशिक्षुओं के लिए विशेष : राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005

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Published

2017-09-30

How to Cite

menu. (2017). शिक्षकों एवं प्रशिक्षुओं हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 : एक परिचय. Innovative Research Thoughts, 3(6), 74–79. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/138