सोशल मीडिया की सामाजिक वास्तविकता

Authors

  • सन्दीप पीएच.डी. रिसर्च स्कॉलर समाजशास्त्र , ओ० पी० जे० एस० विश्वविद्यालय, चुरू (राजस्थान )

Keywords:

सोशल मीडिया, सामाजिक वास्तविकता

Abstract

वर्तमान में सोशल मीडिया ने जनसंचार को एक नया आयाम दिया है, जिसके कारण तेजी के साथ सूचनाओं और विचारों का प्रसार सम्भव हो रहा है, किसी भी वीडियों या तस्वीर को करोड़ों लोगों तक पहुँचाने की क्षमता सोशल मीडिया में है, लोगों तक पहुँच ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है। इसी ताकत ने इसे वर्चुअल दूनिया में मौजूद लोगों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को अनिवार्य सा बना दिया है। आज का दौर सोशल मीडिया का है। प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के प्रति उत्साह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स संचार व सूचना का सशक्त जरिया है, जिनके माध्यम से लोग अपनी बात बिना किसी रूकावट के रख सकते है। लोगों द्वारा रखी हुई बात देश और दुनिया के प्रत्येक कोने तक पहुँच जाती है। सोशल मीडिया के माध्यम से खुद के विचार रखने के साथ-साथ दूसरों की बातों पर खुलकर अपनी राय भी व्यक्त कर पाते हैं। एक परिभाषा के अनुसार, ‘‘सोशल मीडिया परस्पर संवाद का वेब आधारित एक ऐसा अत्याधिक गतिशील मंच कहा जा सकता, जिसके माध्यम से लोग संवाद करते हे और आपसी जानकारियों का आदान-प्रदान करते है और उपयोगकर्ता जनित सामग्री को सामग्री की सहयोगात्मक प्रक्रिया के अंश के रूप में संशोधित करते हैं।’’
अगर हम सोशल मीडिया की वास्तविकता की बात करें तो हमें इसके दोनों पक्ष सकारात्म्क और नकारात्मक पर विचार करना होगा। केवल एक पक्ष के माध्यम से सोशल मीडिया सामाजिक वास्तविकता का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।

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Published

2018-03-30

How to Cite

सन्दीप. (2018). सोशल मीडिया की सामाजिक वास्तविकता. Innovative Research Thoughts, 4(3), 219–226. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1354