स्वामी विवेकानन्द के शैक्षिक विचार

Authors

  • डॉ. रमेश चन्दर सहायक प्रोफेसर, संत हरिदास कॉलेज ऑफ़ हायर एजुकेशन नजदीक एयर फ़ोर्स स्टेशन बैनी कैंप नजफगढ़ नई दिल्ली

Keywords:

स्वामी विवेकानंद, शिक्षा प्रणाली, वर्तमान शिक्षा प्रणाली

Abstract

स्वामी विवेकानन्द भारतवर्ष के अमर सपूतों में से एक हैं। उनकी आध्यात्मिकता की गहराई तथा सम्पूर्ण मानवमात्र के प्रति उनका प्रेम हमारे देश की धरोहर है। शिक्षा के क्षेत्र में भी उनके विचारों में उनकी मानवता के प्रति प्रेम तथा आध्यात्म की भावनायें दृष्टिगोचर होती हैं। स्वामी विवेकानन्द भारतीय दर्शन के पण्डित और अद्वैत वेदान्त के पोषक थे। ये वेदान्त को व्यावहारिक रूप देने के लिए प्रसिद्ध हैं। इनके दार्शनिक विचार सैद्धान्तिक रूप में इनके द्वारा विचरित पुस्तकों में पढ़े जा सकते हैं और इनका व्यावहारिक रूप रामकृष्ण मिशन के जन कल्याणकारी कार्यों में देखा जा सकता है। स्वामी जी अपने देशवासियों की अज्ञानता और निर्धनता, इन दो से बहुत चिन्तित थे और इन्हें दूर करने के लिए इन्होंने शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया था। ये अपने और अपने साथियों को केवल वेदान्त के प्रचार में ही नहीं लगाए रहे, इन्होंने जन शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में भी बड़ा योगदान दिया है। भारतीय शिक्षा को भारतीय स्वरूप प्रदान करने के लिए ये सदैव स्मरण किये जायेंगे।

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Published

2018-03-30

How to Cite

चन्दर ड. र. (2018). स्वामी विवेकानन्द के शैक्षिक विचार. Innovative Research Thoughts, 4(1), 339–341. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1291