श्री अरबिंदो के सामाजिक और राजनितिक विचार : एक विवेचना
Keywords:
सामाजिक और रािनीतिक विचार धासम्क क्राम्न्तकारी इत्यादद।Abstract
19व ीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तथा 20व ीं के प्रारम्भिक वर्षो में िारतवासियों में म्िि िामाम्िक, धासम्क, आर्थ्क एवीं रािन ततक चेतना का उदय हुआ था, उिके सिए पुन्िागरण आन्दोिन के नेताओीं ने अथक प्रयाि ककया था। िारत में रािन ततक, िामाम्िक, धासम्क क्षेत्र में म्िि चेतना का अभ्युदय हो रहा था वह एक नव न चेतना थ , उदारवाद की िगह क्राम्न्त थ । म्िि िमय िारत य काींग्रेि पर उदारवाददयों का वच्स्व स्थापपत था, उि िमय श्र अरपवन्द घोर्ष िैिे उग्र रािन ततक क्राम्न्तकारी िारत य रािन ततक मींच पर अवतररत हुए।
References
श्र अरपवन्द मानव िे अततमानव की ओर अनुवादक- वन्दना अनुबने श्र अरपवन्द िोिायिी पाम्डडचेरी
श्र अरपवन्द ग ता प्रबन्ध अनुवादक- िगन्नाथ वेदािींकार श्र अरपवन्द िोिायिी, पाम्डडचेरी
श्र अरपवन्द ददव्य ि वन अनुवादक- श्याम िुन्दर, झुनझुनवािा श्र अरपवन्द िोिायिी पाम्डडचेरी- 605002
श्र अरपवन्द अपने पवर्षय में अनुवादक- िगन्नाथ वेदािींकार श्र अरपवन्द िोिायिी पाम्डडचेरी-- 605002
श्र अरपवन्द प्राथाा् और ध्यान श्र अरपवन्द िोिायिी पाम्डडचेरी-- 605002
श्र अरपवन्द मानव एकता का अनुवादक- िीिावत इन्रिेन आदश्-युर्दध और आत्म श्र अरपवन्द िोिायिी तनण्य पाम्डडचेरी-- 605002
श्र अरपवन्द मानव चक्र अनुवादक- िीिावत इन्रिेन श्र अरपवन्द िोिायिी. पाणम्ज्डचेरी- 605002
मनोिदाि महान योग श्र अरपवन्द अनुवादक- शींकर िाि पुरोदहत नेशनि बुक रस्ि आफ इम्डडया, नई ददििी।
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