नक्सलवादी समस्या के क्षेत्रीय प्रारूप का विशेष अध्ययन उत्तरप्रदेश से चन्दौली जिले के विशेष संदर्भ में

Authors

  • Manoj Singh Yadav Research Scholar Department Of Political science, Shri Dev Suman University Rishikesh campus Haridwar
  • Dr. Hemlata Mishra Professor Department Of Political science, Shri Dev Suman University Rishikesh campus Haridwar

Keywords:

नक्सलवाद, उत्तरप्रदेश

Abstract

आज देश के 16 राज्यों में जो 200 जिले नक्सलवाद से पीड़ित हैं। इनमें से एक राज्य है उत्तर प्रदेश। हांलाकि अगर आंध्र प्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के नक्सलवाद से जोड़ा जाए तो राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश में पनप रहे नक्सलवाद यानी माओवादी संगठन न के बराबर है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि उत्तर प्रदेश का माओवाद अन्य राज्यों से बिल्कुल भिन्न है। यहां के माओवाद की उत्पत्ति माओवादी संगठनों के जरिये कम, प्रशासन के जरिये ज्यादा है। उत्तर प्रदेश का कथित नक्सलवाद कैमूर क्षेत्र के तीन जिलों, मिरापुर, चन्दौली और सोनभद्र एवं कुछ हद तक बुन्देलखंड में फैला है। नक्सली संगठनों की सबसे ज्यादा गतिविधियां कैमूर क्षेत्र में हैं चूंकि यह क्षेत्र झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। इस क्षेत्र में इन संगठनों की गतिविधियां बिल्कुल नहीं हैं, ऐसा भी नहीं कहा जा सकता। वैसे कैमूर एक ऐसा क्षेत्र है, जो माओवाद को पनपने के लिये अनुकूल परिस्थितियां प्रदान करता है। समय रहते आदिवासियों को जनजाति का दर्जा न मिलना, उनकी कामों और जंगल में जबरन बेदखली, फर्जी एनकाउंटर, सामंती अत्याचार व स्थानीय लोगों के अधिकारों के हनन से उद्योगों की स्थापना यहां नक्सलवादियों को जगह मिलने के मूल कारण हैं। इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो भूमि सुधार कानूनों को सही प्रकार से लागू नहीं करना और राजस्व व वन विभाग द्वारा सांमतों और पूंजीपतियों से मिलकर भूमि के रिकाडरे में भारी हेरा-फेरी।

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Published

2018-03-30

How to Cite

Yadav, M. S., & Mishra, D. H. (2018). नक्सलवादी समस्या के क्षेत्रीय प्रारूप का विशेष अध्ययन उत्तरप्रदेश से चन्दौली जिले के विशेष संदर्भ में. Innovative Research Thoughts, 4(4), 439–445. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1266