करुण रस की विशेषताएँ , उसकी मममस्पर्शमता और श्रृंगार रस पर करुण रस का प्रभाि
Keywords:
मममस्पर्शमता, श्रृंगारAbstract
करुणरस द्रिीभूत हृदय का िह सरस-प्रिाह है, विससे सहृदयता क्यारी ससृंवर्त, मानिता फुलिारी विकवसत और लोकवहत का हरा-भरा उद्मान सुसवित होता है। उसमें दयालुता प्रवतफवलत दरविगत होती है, और भािुकता-विभूवत-भररत। इसीवलए भािुक-प्रिर-भिभूवत की भािमयी लेखनी यह वलख िाती है-
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Published
2017-09-30
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सीमा. (2017). करुण रस की विशेषताएँ , उसकी मममस्पर्शमता और श्रृंगार रस पर करुण रस का प्रभाि. Innovative Research Thoughts, 3(6), 1–4. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/123
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