भारतीय साहित्य पर प्रेमचंद की लघुकथाओं का प्रभाव
Keywords:
प्रेमचंद, भारतीय साहहत्य, यथाथूवाद, सामाजिक, प्रभाव, उपन्यास, मानवीय, लेखकAbstract
प्रेमचंद, जिन्हें म ंशी प्रेमचंद के नाम से भी िाना िाता है, आध ननक हहंदी-उददू साहहत्य के सबसे प्रभावशाली लेखकों में से एक थे। उन्होंने 300 से अधधक लघ कथाएँ, कई उपन्यास और ननबंध ललखे िो कई सामाजिक म द्दों से ि डे थे और मानवीय ररश्तों की िहिलताओं का पता लगाते थे। उनकी रचनाएँ आम लोगों के िीवन, उनके संघर्षों और उनकी आकांक्षाओं के यथाथूवादी धचत्रण के ललए िानी िाती हैं। भारतीय साहहत्य पर प्रेमचंद का प्रभाव महत्वपदणू है और उनकी लघ कथाओं का आध ननक हहंदी-उददू साहहत्य के ववकास पर गहरा प्रभाव पडा है। उनकी कहाननयों का ववलभन्न भारतीय भार्षाओं में अन वाद ककया गया है और कई लेखकों को उनके नक्शेकदम पर चलने के ललए प्रेररत ककया है।
References
स रेश कोहली द्वारा "म ंशी प्रेमचंद: द मैन एंड हहज़ वकू" - यह प थतक प्रेमचंद के िीवन और कायों का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है, और भारतीय साहहत्य पर उनके प्रभाव की पडताल करती है।
वस धा डाललमया द्वारा संपाहदत "द ऑक्सफोडू इंडडया प्रेमचंद" - इस संकलन में प्रेमचंद की लघ कथाओं का चयन है, जिसका अंग्रेिी में अन वाद ककया गया है, और यह उनकी लेखन शैली और ववर्षयों में अंतर्दूजष्ि प्रदान करता है।
आलोक राय द्वारा "म ंशी प्रेमचंद: एक साहहजत्यक िीवनी" - यह िीवनी प्रेमचंद के िीवन और कायू का ववथतृत वववरण प्रदान करती है और उनकी साहहजत्यक ववरासत की पडताल करती है।
फ्ांसेथका ओरलसनी द्वारा संपाहदत "ववश्व भार्षाओं में प्रेमचंद" - यह प थतक द ननया भर की ववलभन्न भार्षाओं और संथकृनतयों में प्रेमचंद की रचनाओं के अन वाद और प्रसार की पडताल करती है।
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