परिमल मंडल के प्रमुख साहित्यकार नरेश मेहता के उपन्यासों में स्त्री-जीवन : एक विवेचना

Authors

  • डॉ सुमन चहल

Keywords:

परिमल, साहित्यकाि

Abstract

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी के यशस्वी कवि एवं कहानीकार श्री नरेश मेहता उन शीर्षस्थ लेखकों में हैं जो भारतीयता की अपनी गहरी दृष्टि के लिए जाने जाते हैं। नरेश मेहता ने आधुनिक कविता को नयी व्यंजना के साथ नया आयाम दिया। रागात्मकता, संवेदना और उदात्तता उनकी सर्जना के मूल तत्त्व है, जो उन्हें प्रकृति और समूची सृष्टि के प्रति पर्युत्सुक बनाते हैं। आर्ष परम्परा और साहित्य को श्रीनरेश मेहता के काव्य में नयी दृष्टि मिली। साथ ही, प्रचलित साहित्यिक रुझानों से एक तरह की दूरी ने उनकी काव्य-शैली और संरचना को विशिष्टता दी।

References

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Published

2017-09-30

How to Cite

चहल ड. स. (2017). परिमल मंडल के प्रमुख साहित्यकार नरेश मेहता के उपन्यासों में स्त्री-जीवन : एक विवेचना. Innovative Research Thoughts, 3(5), 84–87. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/114