दक्षिण हरियाणा के इतिहास में राव तुलाराम और नसीबपुर युद्व: एक अध्ययन
Keywords:
गवर्नर जनरल, सम्पूर्ण भारतीय, अंग्रेजी सेना, क्रान्ति, रेवाडी नरेश राव तुलाराम, ऐतिहासिक प्रांसागिकताAbstract
1857 की क्रांति के दौर में भारतीय शासकों और अंग्रेजों के बीच अनेक युद्व लडे गए। उन्में से नसीबपुर का युद्व भी अपनी ऐतिहासिक प्रांसागिकता रखता है। यह युद्व दक्षिण हरियाणा के वर्तमान जिला नारनौल के नसीबपुर में लडा गया। जिसमें रेवाडी रियासत के प्रमुख राव तुलाराम ने अग्रणी भूमिका अदा की थी। हालांकि युद्व के अन्तिम क्षण में अंग्रेजों की ही जीत हुई। लेकिन राव तुलाराम की सेना अपनी वीरता, साहस और शौर्य का प्रदर्शन करते हुए युद्व को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार प्रयाशरत रही।
भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी के काल से लगभग तय हो गया था कि अब वो दिन दूर नही जब सम्पूर्ण भारतीय भूमि, धर्म, राजनीति और आर्थिक संसाधनों पर अंग्रजो का अधिकार हो जाएगा। जिसको अंग्रेजों ने 1857 की क्रांति तक अन्तिम परिणति तक पहुंचा दिया।
इसके लिए अंग्रेजों ने अनेक प्रकार के तौर तरीके अपनाने पडे। इन तौर तरीको के परिणामस्वरुप ही 1857 की क्रांति का जन्म हुआ। क्रान्ति में अंग्रेजी सेना और भारतीयों राजाओं की सेना के मध्य कई युद्व लडे गए। अंग्रेजी सेना भारतीय राजाओं की सेना को हराकर उस क्षेत्र को अपने अधीन कर लेती थी। अपनी इसी आश के साथ अंग्रेजी सेना रेवाडी को भी अपने अधीन करने के लिए रेवाडी की तरफ कूच किया था तभी अंग्रेजी सेना और रेवाडी नरेश राव तुलाराम की सेना के मध्य नसीबपुर का युद्व लडा गया।
References
हरियाणा में 1857 की क्रान्ति, पूर्वोद्वत, पेज न0 118
क्रान्ति दूत राव राजा तुलाराम, पूर्वोद्वत, पेज न0 65
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