मन्नू भंडारी के कथा साहित्य में स्त्री चेतना का विश्लेषण
Keywords:
मन्नू, विशेष प्रयोग, शैली, विशेषता, डायरी शैली, नायिका दीपा, कहानीकारAbstract
कहानी की पृष्ठभूमि छोटी लेकिन अर्थपूर्ण होती है। जीवन के मानवीय सत्यों का उद्घाटन करना ही कहानी है। अपने कथ्य में कहानी जितनी मजबूत होती है उतना ही उसका शिल्प भी बेहतर होना चाहिए क्योंकि कहानीकार अगर कहानी के शिल्प को नहीं समझता है तो रोचकता पैदा नहीं कर पाएगा। कहानी फिर कथा बनकर रह जाएगी जिसका कोई आदि और अंत नहीं होता। मन्नू भण्डारी मंझी हुई कथाकार हैं। उनकी कहानियों का शिल्प ही उन्हें अपने समकालीनों से अलग करता है। “यही सच है‘ कहानी में शिल्प की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि उसमें बाहय घटनाओं के साथ ही पात्रों की आंतरिक मनःस्थिति को भी चित्रात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि यह कहानी डायरी फॉर्म में है। कहानी की मुख्य नायिका दीपा अपने साथ होने वाली घटनाओं को स्वयं लिख रही है। हिंदी कहानी में मन््नू भण्डारी ने पहली बार इस शैली का प्रयोग किया है जो कि कहानी को रोचक बनाता है। नई कहानी आंदोलन में कहानीकार के सामने एक चुनौती थी कि वह शिल्प में कुछ नया करे। मन्नू भण्डारी ने अपनी हर कहानी में कुछ नया ही किया है। ‘यही सच है‘ में भी वह डायरी शैली के माध्यम से नए तरह की बुनावट सामने लाती हैं जिसमें दीपा कहानी की मुख्य पात्र भी है और मॉडरेटर भी। नई कहानी में इस तरह का प्रयोग पहले कभी नहीं हुआ- यही सच है‘ कहानी की शिल्प-योजना कुछ विशेष प्रयोगों के कारण अत्यंत चर्चित रही है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है- डायरी शैली का प्रयोग।
References
ऽ वर्मा, रतनकुमारी, महिला साहित्यकारों का नारी चित्रण (हिन्दी कहानियों के संदर्भ में), अध्ययन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स 4378ध्4, 105, जे. एम. डी. हाउस, मुरारी लाल स्ट्रीट, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-11002, संस्करण: 2009
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ऽ द सब्जेक्शन ऑफ विमैन, जॉन स्टुअर्ट मिल अनु. युगांक धीर।
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