कोरी हांडी: संवेदना और शिल्प
Keywords:
शिल्प, एकांकी,Abstract
कोरी हांडी एक झलकी संग्रह है। इसका प्रकाशन वर्ष 2010 मे ं दवे प्रकाशन दिल्ली से हुआ है। इसमे ं कुल सात झलकियॉं सकं लित हैं। इनके सदं र्भ मे ं लेखक दो शब्द में स्वयं लिखते है। -‘‘ हमे ं हमारी उन झलकियो ं का ध्यान आया जो हमन े वर्षों पहल े आकाशवाणी के लिए लिखी थी। उन्हीं मे ं कुछ नाट्य सकं ेतों को जोडकर हमन े इन्हंे कुछ नया रूप दिया। अतः ये झलही ‘हरियाणवी स्किट्’ भी बन गई है। इन्हें हम हरियाणवी एकांकी भी कह सकते हैं।’’ यह शोध पत्र इसी का विश्लेषणात्मक अध्ययन है।
References
डॉं0 विश्व बंधु शर्मा: कोरी हॉंड़ी (झलकी संग्रह), दो शब्द, पृष्ठ-1
वही , वही, वही
वही पृ0 1-2
वही पृ0 2
वही पृ0 3
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Published
2017-09-30
How to Cite
Ashutosh. (2017). कोरी हांडी: संवेदना और शिल्प. Innovative Research Thoughts, 3(5), 51–52. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/106
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