टीवी विज्ञापनों में महिलाएं : आजादी या उपभोक्तावाद – एक विशलेषण

Authors

  • Vipul Kumar Research Scholar, Deptt. of Journalism & Mass Communication, Singhania University, Pacheri Bari(Rajasthan).INDIA

Keywords:

टीव़ी, ववऻाऩन, भहहराएॊ

Abstract

महिलाओं की भूमिका हर क्षेत्र में तेज़ी से बदल रही है। राजनीति से लेकर शिक्षा, कंप्यूटर से लेकर कॉर्पोरेट जगत में महिलाएं अपना लोहा मनवा रही हैं। पर क्या महिलाओं की स्थिति हमारे समाज में सुधर पाई है? क्या मीडिया में उसके प्रस्तुतिकरण में कोई परिवर्तन आया है? महिलाएं हमेशा से विज्ञापन का एक महत्वपूर्ण अंग रही है, चाहे वो घरेलू वस्तुओं का प्रचार हो चाहे पुरुषों की रोज़मर्रा की ज़रूरत की वस्तुओं का प्रचार। महिलाओं को हमेशा से ही विज्ञापनों में एक प्रभावशाली यंत्र की तरह इस्तेमाल किया गया है।

References

टीवी विज्ञापनों में महिलाएं : आजादी या उपभोक्तावाद by दीक्षा

सदियों से महिलाओं की सिथति by शुभ्रा परमार

https://hi.wikipedia.org/wiki/शनल टेलीविज़न सिस्टम कमिटी

भारतीय मीडिया by मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

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Published

2017-09-30

How to Cite

Kumar, V. (2017). टीवी विज्ञापनों में महिलाएं : आजादी या उपभोक्तावाद – एक विशलेषण . Innovative Research Thoughts, 3(5), 38–40. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/102