मुंशी प्रेमचुंद का हिन्दी साहित्य में योगदान

Authors

  • Ranu Sharma Research Scholar, Dept. of Hindi JS University Shikhoabad, Firozabad UP

Keywords:

हिन्दी, साहित्य

Abstract

हिन्दी साहित्य में उपन्यास लेखन का श्रीगणेश भारतेन्द य ग से िोता िै। हकन्त हिन्दी उपन्यास को नवजीवन देने वाले शख्स कोई िै तो वि िैं कलम के ससपािी। इस ससपािी ने उपन्यास के माध्यम से समाज के कोने-कोने पर नजर दौड़ायी चािे वि सनम्नवगग िो या सनम्न मध्यमवगग या हिर मध्यम वगग या उच्च वगग। सामाजजक वणग व्यवस्था ब्राम्िण, क्षत्रीय, वैश्य, शूद्र की जस्थसतयों को भी बड़े िी गाुंभीयग तौर पर समाज के समक्ष रखा। सेवा सुंदन से लेकर गोदान तक का सिर सामाजजक यथाथगता का ज्वलुंत उदािरण िै।’’ गाुंधी जी ने भारतीय समाज को स धारने के सलए जो क छ किा उसे ‘सत्युं-सशवुं-स न्दरुं’ के रूप में हिन्दी गद्य साहित्य में साकार रूप प्रदान करने वाला, गााँधीजी को जैसी भाषा प्रप्रय थी उसी भाषा को सलखने वाला यहद कोई साहित्यकार ि आ तो वे प्रेमचन्द िी िैं।

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Published

2020-05-30

How to Cite

Sharma, R. (2020). मुंशी प्रेमचुंद का हिन्दी साहित्य में योगदान. Innovative Research Thoughts, 6(5), 21–26. Retrieved from https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1000