[1]
D. R. Kumari, “प्रेमचन्द के कथा साहित्य में वर्णित समस्याएं और वर्तमान समाज की समस्याओं की तुलनात्मक अध्ययन”, irt, vol. 3, no. 10, pp. 68–72, Dec. 2017.