[1]
Dr. Jitendra Kumar, “व्यक्तिगत और सामाजिक आदर्शों के बीच अंतर्संबंध: समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य”, irt, vol. 3, no. 1, pp. 275–281, Jan. 2017.