राजपूत श्री जयपाल सिंह; सरीता देशवाल. श्रीमद्भगवदगीता में जीवन मूल्य और पुरूषार्थ-चतुष्टय. Innovative Research Thoughts, [S. l.], v. 4, n. 7, p. 89–93, 2018. Disponível em: https://irt.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1380. Acesso em: 23 nov. 2024.